टार्सियर (Tarsier): कौन है ये अनोखा जीव, बड़ी आँखें व 180 डिग्री सिर घूमाना

प्रकृति की गोद में छिपे हुए कितने ही रहस्य हैं जो हमें हैरान कर देते हैं। कल्पना कीजिए एक ऐसे छोटे से जीव की, जो दिखने में किसी कार्टून कैरेक्टर जैसा लगे दृ बड़ी-बड़ी आँखें, लंबी पूँछ और फुर्तीली हरकतें! जी हाँ, हम बात कर रहे हैं टार्सियर की, जो प्राइमेट परिवार का एक छोटा लेकिन बेहद दिलचस्प सदस्य है। यह जीव इतना अनोखा है कि वैज्ञानिक इसे ष्पृथ्वी का एलियनष् तक कहते हैं। अगर आप ेबप-पि फिल्मों के शौकीन हैं, तो टार्सियर आपको स्टार वॉर्स के योदा की याद दिला सकता है। आइए, इस नन्हे शिकारी की दुनिया में झांकते हैं और जानते हैं इसके बारे में कुछ मजेदार बातें।

टार्सियर (Tarsier) कौन है?

टार्सियर बंदरों की ही प्रजाति से आता है, इसका साइज इतना छोटा होता है कि पहली बार देखने पर आप इसे किसी खिलौने जैसा समझ सकते हैं। ये मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के घने जंगलों में पाया जाता है, जैसे फिलीपींस, बोर्नियो और सुमात्रा के द्वीप। इसको देखकर लगता है जैसे यह किसी जंगल की जासूसी फिल्म का हीरो हो, रात में पहरेदारी करती है और दिन में छिपा होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्राइमेट्स की सबसे पुरानी प्रजातियों में से एक है, जो लगभग 45 मिलियन साल पुरानी है। यानी, डायनासोर के दौर से थोड़ा ही बाद का सकता है।

आकार और दिखावट बड़ी कमाल की है

टार्सियर का शरीर सिर्फ 9 से 16 सेंटीमीटर लंबा होता है, और वजन 100 से 150 ग्राम के आसपास। छोटा होने के बावजूद, इसकी पूँछ शरीर से दोगुनी लंबी होती है, जो पेड़ों पर बैलेंस बनाने में इसका सबसे अच्छा साधन होता है। इसका फर मुलायम और ग्रे-ब्राउन रंग का होता है, जो जंगल में छिपने के लिए परफेक्ट कैमोफ्लेज है। कल्पना कीजिए, अगर यह इंसान के साइज का होता, तो इसकी पूँछ एक लंबी रस्सी जैसी होती!

दिमाग से बड़ी अनोखी आंखें

टार्सियर की आँखें उसके दिमाग से भी बड़ी! ये इसकी सबसे बड़ी खासियत है। ये आँखें रात के अंधेरे में दूर तक देखने की सुपरपावर देती हैं, जैसे कोई नाइट विजन कैमरा। मजेदार बात यह है कि इसकी जो आँखें हैं वो फिक्स्ड यानी अपनी जगह पर ही रहती हैं तिरछा दायें बायें नहीं देख सकती हैं। यानी घुमा नहीं सकतीं हैं। इसीलिये इसको देखने के लिए अपना पूरा सिर घुमाना पड़ता है, ठीक उल्लू की तरह। अगर आप रात में जंगल घूम रहे हों, तो ये चमकती आँखें आपको डरा भी सकती हैं|

Tarsier jeev ke bare me

जीवनशैली (lifestyle) कैसी है?

टार्सियर दिन में पेड़ की डालियों पर आराम फरमाता है, आँखें बंद करके सोता है। लेकिन सूरज ढलते ही यह जाग जाता है और शिकार की तलाश में निकल पड़ता है। यह पूरी तरह से मांसाहारी है। कीड़े, छिपकलियाँ, मेंढक और छोटे पक्षी इसका पसंदीदा मेन्यू। इसके तेज दाँत और फुर्तीले हाथ शिकार को पलक झपकते पकड़ लेते हैं। ये अल्ट्रासोनिक ध्वनियाँ निकालता है, जो आम इंसान नही सुन सकता, इससे ये खतरे की चेतावनी देता है।

छोटे कद का मतलब कमजोर नहीं, अपने पिछले पैरों से अपनी शरीर की लम्बाई से 40 गुना ज्यादा दूर तक कूद सकता है। मान लो अगर इसका साइज 10 सेमी है, तो 4 मीटर की छलांग लगा सकता है, यह तो स्पाइडरमैन जैसा लगता है। यह क्षमता इसे शिकार पकड़ने और दुश्मनों से बचने में मदद करती है। इसके अलावा, सिर को 180 डिग्री घुमाने की ट्रिक इसे चारों तरफ नजर रखने देती है।

कितनी प्रकार की प्रजातियाँ (species) होती हैं?

टार्सियर की कई प्रकार की प्रजातियां हैं, जैसे फिलीपींस टार्सियर, बोर्नियन टार्सियर और वेस्टर्न टार्सियर। हर एक का रंग और आदतें थोड़ी अलग हैं, लेकिन सभी में बड़ी आँखें और पेड़ों पर रहने की लत कॉमन है। कुछ प्रजातियां ज्यादा टेरिटोरियल होती हैं, मतलब अपना इलाका किसी को नहीं देतीं हैं। ये जमीन पर कम ही उतरता है, पेड़ ही इसका घर, बिस्तर और खेल का मैदान। घने उष्णकटिबंधीय जंगल इसके लिए परफेक्ट हैं। यह अकेला रहना पसंद करता है, झुंड में नहीं। हर टार्सियर को कम से कम एक हेक्टेयर स्पेस चाहिए, वरना झगड़ा हो जाता है!

विलुप्ति के कगार पर है?

टार्सियर की जिंदगी खतरे में है। जिस प्रकार से जंगलों की कटाई, अवैध शिकार और पेट रखने की कोशिशें लगातार बढ़ती जा रही हैं इसमें इनकी संख्या बहुत तेजी से घट रही है। पर सबसे अच्छी बात यह है कि फिलीपींस और इंडोनेशिया में खास सैंक्चुअरी बनायी गई है, जहाँ पर वैज्ञानिक इनकी देखभाल कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ जगहों पर इसको देखने के लिए इको-टूरिज्म की शुरूआत भी की गई है।

Tarsier animal facts in Hindi

कुछ मजेदार तथ्य (Facts) व अनसुनी बातें

टार्सियर के बारे में कुछ रोचक फैक्ट्स, जो आपको हैरान कर देंगे।

  1. इसकीआँखें उसके दिमाग से बड़ी होती हैं दृ जैसे कोई सुपरहीरो का मास्क।
  2. यह दुनिया का एकमात्र पूरी तरह मांसाहारी प्राइमेट है, फल-फूल तो बिलकुल नहीं खाता।
  3. इसकी छलांग अपनी बॉडी से 40 गुना ज्यादा दूरी की हो सकती है।
  4. ये अपने सिर को 180 डिग्री घुमा सकता है, बिना बॉडी हिलाए चारों तरफ देख सकता है।
  5. रात में जागता रहता है, दिन में सोता है, परफेक्ट नाइट आउल है।
  6. दक्षिण-पूर्व एशिया के द्वीपों में पाया जाता है, जैसे फिलीपींस और बोर्नियो।
  7. शरीर की लंबाई सिर्फ 9-16 सेमी, लेकिन पूँछ दोगुनी लंबी होती है।
  8. इसकी आँखें फिक्स्ड होती हैं, जिसकी वजह से सिर घुमाकर देखना पड़ता है।
  9. अल्ट्रासोनिक ध्वनियाँ निकालता है, जो 91 kHz तक जाती हैं, जिसे इंसान सुन नहीं सकता।
  10. अकेला और टेरिटोरियल हर एक को कम से कम 1 हेक्टेयर जमीन चाहिए।
  11. एक बार में सिर्फ एक बच्चा पैदा करता है।
  12. लगभग 45 मिलियन साल पुरानी प्रजाति, डायनासोर के बाद का सर्वाइवर।
  13. छलांग की दूरी 5.4 मीटर तक व छोटे साइज का बड़ा कमाल।
  14. सुनने की क्षमता जबरदस्त, हाई फ्रीक्वेंसी साउंड कैच करता है।
  15. पेड़ों पर वर्टिकल क्लिंग करता है, पूँछ से सपोर्ट लेता है।
  16. छोटे प्राइमेट्स में से एक, वजन सिर्फ 100-150 ग्राम- एक सेब जितना।
  17. दुश्मनों से बचने के लिए अल्ट्रासाउंड से चेतावनी देता है, जो प्रीडेटर नहीं सुनते।
  18. कैद में रखना मुश्किल- स्ट्रेस से खुद को नुकसान पहुँचा सकता है फ्रीडम लवर है।

तो दोस्तों, टार्सियर सिर्फ एक छोटा जीव नहीं, बल्कि प्रकृति की क्रिएटिविटी का सबूत है। इसकी अनोखी विशेषता हमें सिखाती हैं कि छोटे में भी बड़ा जादू हो सकता है। लेकिन अगर हमने संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया, तो यह सिर्फ कहानियों में रह जाएगा। आइए, जंगलों को बचाएं और ऐसे अनमोल जीवों को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखें।

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